04 February, 2017

'ट्रम्प-कार्ड'


द्वार बंद कर, भेदभाव की धुन ‘ट्रम्पे’ट बजाते,
चलत जहाँ है ‘दुकान’ उनकी, दुर्जन वहीं हैं बसते,
कच्ची सोच से पक्की ‘दीवारों’ के सपन रचाते,
भगवन किरपा राखिये, मानस टूटत जाते।
*****