14 May, 2017

'जननी'


नहीं व्यक्तिविशेष, जननी अभिव्यक्ति है निःसीम की,
स्नेह का समानार्थी, वर्षा वह प्रेम की,
है सराबोर करुणा से, मूर्ति त्याग निःस्वार्थ की,
वह पर्याय ममता का, परिभाषा अपरिमित की।

('मदर्स डे' विशेष)
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10 May, 2017

‘बुद्ध’


भेद रंगों पंथों में न हो, सम्मान हो पावन कर्मों का,
गाए गीत हर श्वास अब, शील, मैत्री, करुणा का,
मिटे बोध से तुम्हारे, तिमिर अज्ञानी मन का,
पुनः स्मित करो बुद्ध, घोष हो शांति के पर्व का।

 बुद्ध पूर्णिमा

           कामना है, कि द्वेष के मँडराते बादल शीघ्र हटें, और समस्त पृथ्वी सद्भावना की कौमुदी प्राशन कर तृप्त हो। 
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06 May, 2017

'To be hanged till Death'


Let the gallows deter, make a statement clear,
May the shiver go down the spine of the future sinner,
Even to think monstrous, may the savage not dare,
May humans be humane, the world be free from fear.

Nirbhaya,
Our fight doesn’t end here.

■ Nirbhaya case verdict

(Select lines from my English poetry book)
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