नहीं व्यक्तिविशेष, जननी अभिव्यक्ति है निःसीम की,
स्नेह का समानार्थी, वर्षा वह प्रेम की,
है सराबोर करुणा से, मूर्ति त्याग निःस्वार्थ की,
वह पर्याय ममता का, परिभाषा अपरिमित की।
('मदर्स डे' विशेष)
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■ बुद्ध पूर्णिमा
कामना है, कि द्वेष के मँडराते बादल शीघ्र हटें, और समस्त पृथ्वी सद्भावना की कौमुदी प्राशन कर तृप्त हो।