28 April, 2017

'अक्षय्य तृतीया'


अक्षय्य हो बल, धैर्य, शौर्य, हो क्षय हर पातकी,
हर वार हो परशु सा, हर गाथा दिग्विजय की,
हो पूजन वैभव का, भक्ति भी अप्रतिम की,
हो प्रारंभ महाकथा भी, किंतु शांति के महापर्व की।
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26 April, 2017

'कैफ़ियत-ए-उल्लू'


बाशिंदा हूँ शाइस्ता, काली गहरी के सन्नाटों का,
ख़ामोश मुसाफ़िर, दरख़्तों की ग़ैर-महदूद सल्तनत का,
कहीं इबादत-ए-दौलतमंद, कहीं फ़िरिश्ता हूँ मौत का,
इन्सान नादाँ क्या जाने, दर्द तनहाई-ए-तारीकी का.

(कैफ़ियत-ए-उल्लू-state of affairs of Owl, बाशिंदा-resident, शाइस्ता-polite, दरख़्त-tree, ग़ैर-महदूद-without bounds, सल्तनत-kingdom, इबादत-ए-दौलतमंद-worship by rich, फ़िरिश्ता-messenger, नादाँ-silly, तनहाई-ए-तारीकी-lonely feeling during darkness)
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12 April, 2017

'ख़ूँ-ओ-ख़ंजर'


ट्रम्प चला सँवारने, किरमिच-ए-समंदर लहू से,
किम हुआ है क़िर्मिज़ी, इरादा-ए-इंतिक़ाम से,
करे कौन फ़िक्र-ए-अवाम, बीमार सब जुनूँ-ए-जंग से,
कहो होगा इन्सान कब तक, ख़ूँ ख़ंजर-ए-रंजिश से.

(ख़ूँ-ओ-ख़ंजर-blood & dagger, किरमिच-ए-समंदर-canvas of sea, क़िर्मिज़ी-red, इरादा-ए-इंतिक़ाम-intention to vengeance, फ़िक्र-ए-अवाम-concern about citizens, जुनूँ-ए-जंग-insane desire for war, ख़ूँ-blood(here-murdered), ख़ंजर-ए-रंजिश-dagger of hostility)
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