बाशिंदा हूँ शाइस्ता,
काली गहरी के सन्नाटों का,
ख़ामोश मुसाफ़िर, दरख़्तों
की ग़ैर-महदूद सल्तनत का,
कहीं इबादत-ए-दौलतमंद, कहीं फ़िरिश्ता
हूँ मौत का,
इन्सान नादाँ क्या जाने, दर्द तनहाई-ए-तारीकी
का.
■ International Owl awareness day
(कैफ़ियत-ए-उल्लू-state of affairs of Owl, बाशिंदा-resident,
शाइस्ता-polite, दरख़्त-tree, ग़ैर-महदूद-without bounds, सल्तनत-kingdom, इबादत-ए-दौलतमंद-worship
by rich, फ़िरिश्ता-messenger, नादाँ-silly, तनहाई-ए-तारीकी-lonely feeling during
darkness)
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