03 August, 2023

• तस्कीन

उलझनों से मुतअस्सिर है, क़ाइम भी,
कशमकश-ए-ज़िंदगी का हौसला,
पेशानी से बहती खारी बूँदों से ही,
मुसकुराहट की ज़ीनत है.

(तस्कीन-contentment, मुतअस्सिर-influenced, पेशानी-forehead, ज़ीनत-beauty)
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