Jitendra Rachalwar’s Blog
A collection of promotional pages of my poetry books, poems, stories, articles and shayari
• Home
• हिंदी कक्ष
• मराठी पान
• हिंदी-उर्दू दालान
• English Corridor
• मेरा हिंदी काव्यसंग्रह
• मेरा हिंदी-उर्दू मज्मूआ-ए-कलाम
• माझा मराठी काव्यसंग्रह
• My English Poetry Book
01 December, 2023
• बयाँ
यूँ चिलमन
१
में न रखा करो मिज़ाज,
लाज़िम
२
है कभी-कभार अलफ़ाज़ भी आज़माना,
कहीं ऐसा न हो, कि तुम्हारा तबस्सुम मसर्रत-ए-वस्ल
३
कहे,
और ज़माना समझ ले हिज़्र
४
का फ़साना.
(१-veil, २-necessary, ३-joy of union, ४-separation)
*****
Newer Posts
Older Posts
Home
Subscribe to:
Posts (Atom)