14 June, 2019

‘लहू’


बारहा साबित किया है तुमने, तुम्हींसे वुजूद अंदाम के,
बहर हो दिल की धड़कनों की, तुमसे काफ़िये साँसों के,
तुमसे इस्तिलाह ज़िंदगी की, हर पल एहसासात ज़िंदा के,
रंगों में रहो या बैग में महफ़ूज़, हवासिल हमेशा हो जीने के.

■ World Blood Donor Day
(Select lines from my Hindi-Urdu poetry book)

(अंदाम-body, बहर-poem, काफ़िया-rhyme, इस्तिलाह-definition, हवासिल-courage)
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