14 November, 2019

• शैशव

मात्र एक दिवस की कामना, करते अंतरंग मेरे,
उस भूत की, जिससे वर्तमान उभरे हैं मेरे,
करने अनावरण क्षण, जिनमें लीन थे हर पहलू मेरे,
अस्वस्थ होता हूँ मैं, कि लौटा दो मुझे वह पल मेरे।

■ Children’s Day (India)
(Select lines from my Hindi poetry book)
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