22 October, 2019

• मुकम्मल

लब बस तअमील करने के क़ाबिल हैं,
अलफ़ाज़ महज़ ज़रीआ है इज़हार का,
जज़्बात अकसर मजबूर ही रह जाते हैं,
नायाब होता है मुकम्मल होना इश्क़ का.

(-obey, -words, -express, -emotions, -absolute)
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