01 December, 2023

• बयाँ

यूँ चिलमन में न रखा करो मिज़ाज,
लाज़िम है कभी-कभार अलफ़ाज़ भी आज़माना,
कहीं ऐसा न हो, कि तुम्हारा तबस्सुम मसर्रत-ए-वस्ल कहे,
और ज़माना समझ ले हिज़्र का फ़साना.

(१-veil, २-necessary, ३-joy of union, ४-separation)
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12 November, 2023

• My English Poetry Book

‘Publication’

Distinguished Readers,

Namaskaar.

     Its a pleasure today to announce the publication of my English poetry book named ‘The Quest’. A hardback version of the book can be obtained in all countries through post by remitting the cost mentioned below.

India: Rs.175/- per copy

Other Countries: Rs.750/- per copy

     If you wish to purchase the book, please inform your postal address by e-mail and remit the applicable amount to the bank account. Bank details are:

Bank: Bank of Baroda

Branch: South Ambazari Road Nagpur
City: Nagpur (Dist: Nagpur)
IFSC: BARB0AMBAZA (the fifth character is zero digit)
Name of A/c holder: Jitendra Sudhakar Rachalwar
Account No: 04990200000374
Account type: Current

     Please inform the Transaction ID/ Number/ Details too, along with the postal address. In the event of non-receipt of the book within twenty days from the date of correspondence, please inform by e-mail.

     I am sharing a few pages of the book.

E-mail: jsrachalwar@gmail.com

Thanks.

Soliciting your Best Wishes,

(Major) Dr. JS Rachalwar























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05 October, 2023

• मँझार

मुझे बहाता चला गया मेरे ख़िलाफ़,
ज़माने से सुनी हुई तौहीन का तअस्सुर,
मैं नावाक़िफ़ रहा मेरी ख़ुदएतिमादी से,
क्यों इलज़ाम लगाऊँ ग़ैरों पर.

(१-offend, २-influence, ३-self-confidence, ४-blame)
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03 August, 2023

• तस्कीन

उलझनों से मुतअस्सिर है, क़ाइम भी,
कशमकश-ए-ज़िंदगी का हौसला,
पेशानी से बहती खारी बूँदों से ही,
मुसकुराहट की ज़ीनत है.

(तस्कीन-contentment, १-influenced, २-struggle of life, ३-forehead, ४-beauty)
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10 July, 2023

• चिंब

कधी टपटप पडती चहुकडे, कधी कमलदलावर अवखळ,
शाखांवर बरसल्या धारा, पानांवर मोदाचे ओघळ,
तृषार्त मातीत झिरपला, चिंब फुलांचा परिमळ,
तोषात भिजला परिसर, नभाची ओथंबली ओंजळ।
(Select lines from my Marathi poetry book)
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# Rain, Monsoon

03 July, 2023

• नवांकुर

तप्त क्षमेची तृष्णा, भिजून जाहली शांत,
अंथरले नवांकुर हिरवे, विसावली पावले क्लांत,
सर्द गारवा रानातला, सावरतो चित्त भ्रांत,
कुंद तृणांच्या स्पर्शाने, सुखावले जीव श्रांत।
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# Rain, Monsoon

15 June, 2023

• तृष्णा

नांगर थकूनही झाले प्रसन्न, सिद्ध जे होती वावर,
नभास विनवित क्षमा, करिण्या चिंब धरा सत्वर,
ज्येष्ठ वाढवी तृष्णा, क्षण क्षण होतो दुष्कर,
आराधनेत सकळ जीवांच्या, वत्सल घननील पयोधर।
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05 May, 2023

• बेख़बर

मैं वाक़िफ़ हूँ तुम्हारे ग़म से मगर, वह मुशाबा नहीं मेरे रंज से,
न मुझे इल्म तुम्हारी कोफ़्त का, मेरे जख़्म से अनजान तुम भी,
हर लहू-ए-चाक-ए-जिगर बेख़बर रहता है दर्द-ए-ग़ैर से,
हर इश्क़ जुदा होता है, हर चोट का दर्द भी,

(१-similar, २-aware, ३-distress, ४-ooze of wounded heart, ५-love)
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14 February, 2023

• बेचारगी

मेरी बेचारगी के बिखरे हुए क़त्रों के जाम,
ज़िहन में उतार रहा है बेख़बर ज़माना,
कल जो निकलेंगे अरमान बज़्म के,
जाने क्या सूरत होगी उन अश्क-ओ-ग़म की.

(१-bit, २-mind, ३-assembly, ४-tears and grief)
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