भस्म हों रिपु
समस्त, मानस मुक्त हो भय से,
होलिकानल पावन हो,
आहुति हर श्रेष्ठ से,
धधके हर स्पंदन
अब, तिमिर नष्ट हो हृदय से,
प्रकाशमान होती हर
दिशा, फागुन की ज्वाला से।
रंग चढ़ें, घुलें
भी, सजे हर कण सृष्टि का,
मिले स्नेह, बढ़े
भी, अंत हो कलह, द्वेष का,
कोकिल सी वाणी
मधुर, बने साज़ हर श्वास का,
हृदय हर परिधान
करे, गुलाल उत्कट पलाश का।
■ फागुन पूर्णिमा और धुलेंडी की हार्दिक शुभकामनाएँ।
*****
1 comment:
Dear sir,
Greetings
Happy Holi ...."Fagun" is superb blog written by you.
Thanks
Post a Comment