भारत में नवरात्रि का त्योहार मनाने के तराइक़ मुख़्तलिफ़१ हैं; लेकिन इसका नाक़ाबिल-ए-तक़्सीम२ हिस्सा होता है एक मुख़्तसर मगर अज़ीम दीया। नौ दिनों तक शब-ओ-रोज़३ जलते दीये की सलीम४ लौ से फैलती रोशनी में फ़ज़ा आसूदा५ होती है। आरज़ू है, कि यह रोशनी हर शख़्स की ज़िंदगी अमन-ओ-सुकून से मुनव्वर६ करे।
हर लौ का पर्तोव७ बने, इस्तिलाह८ ग़ालिब हौसले की,
रोशन हों तारीक९ राहें,
मन्फ़ी१० मिटे हर ज़िहन की,
फ़रोज़ाँ११ हो आलम इल्म१२ से, रहनुमाई में इल्मदाँ१३ की,
क़लम-ए-अदम-ए-तशद्दुद१४ लिखे, तहरीर मुस्तक़्बिल१५ की.
■ Navaraatri Greetings
(Navaraatri is an Indian festival)
(१-various, २-inseparable, ३-day
& night, ४-calm, ५-contented, ६-illuminate, ७-gleam, ८-definition, ९-dark, १०-negativity, ११-illuminate, १२-knowledge, १३-scholar, १४-pen
of non-violence, १५-future)
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