एहसान तअस़्स़ुर-ए-तसव्वुर१
का, जिसने सँभाली तनहाई मुद्दत से,
हमनफ़स जो बना रहा
दाइमन्२, पल-ए-आग़ाज़-ए-फ़साना से,
तश्वीश३,
कि क्या हो अंजाम, जो मुजस्सम४ हो चंद लमहात गुज़रे से,
हौसला ग़ालिब५
न रहा माज़ी सा, कैसे पाएँगे नजात सैलाब से.
(१-influence of
imagination, २-consistent, ३-apprehension, ४-actual, ५-strong)
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