08 May, 2025

• युद्ध

सीमा सुशोभित होगी अस्त्रों से,
विनाश की आशा के खोखले नारों से,
रक्त की नदियाँ, लाशों का सागर बहेगा,
विनाश के पर्व का अंत, आरंभ भी वहीं से होगा।

(Select lines from my Hindi poetry book)

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# War, Peace

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