मुम्किन नहीं किसी का आना, दरमियान शमअ परवाने के,
निक़ाब भी शिकस्त१ खाती है हुनर-ए-परवाना से,
शमीम-ए-ज़ुल्फ़२ छिपाना, बस का नहीं चिलमन के,
कहकशाँ३
तक नाकाम रोकने में, बाराँ-ए-जज़्बात४ आसमाँ से.
(१-defeat, २-fragrance of tresses, ३-galaxy, ४-shower of emotions)
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1 comment:
अच्छा मज़्मून है। अभिनव कल्पना है।
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