मुम्किन नहीं किसी का आना, दरमियान शमअ परवाने के,
निक़ाब भी शिकस्त१ खाती है हुस्न-ए-परवाना से,
शमीम-ए-ज़ुल्फ़२ छिपाना बस का नहीं चिलमन के,
कहकशाँ३
तक नाकाम रोकने में बाराँ-ए-जज़्बात४ आसमाँ से.
(१-defeat, २-fragrance of tresses, ३-galaxy, ४-shower of emotions)
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2 comments:
अच्छा मज़्मून है। अभिनव कल्पना है।
Romantic imagery at its best
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