20 October, 2016

'वजह'


     मैंने वजह से हुई मुलाक़ात और गुफ़्तगू का ख़ुलासा उस शख़्स से कहने के बावजूद वह पहले जितनाही बेबाक था। जब मैंने वजह के अंदाज़ पर ज़रा भी ऐतराज़ न जताने की वजह पूछी, तो उसने कहा-
यूँ उनकी बेरुख़ी पर क्यों इलज़ाम लगाएँ बेवजह,
ख़ता तो हमारे दिल का है, उसे ज़रा भी समझा न सके.

(ख़ता-fault, बेरुख़ी-neglect)
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